कोई करे न करे, मैं करुँगी
दुःख के बदले सुख का सौदा मैं करुँगी।
क्यूँ सदा इस आस में की वो बढे तो हम बढ़ेंगे
इस जीवन को काट रहे हैं की वो रुके तो हम रुकेंगे
क्या सदा हम भीड़ में ही चलने के इच्छुक रहेंगे
एकला चलो रे की पंक्ति कब और किस्से कहेंगे।
अपने जीवन के फैसले मैं खुद करुँगी
दूसरों की आलोचना से मैं न डरूंगी।
तारे अनेक होते हैं आसमान में, पर चाँद एक ही है
जंगलों में सब जीवों का राजा भी एक ही है
है येही नियम की जो करले कुछ पृथक
वह भीड़ से पृथक होकर खड़ा मनुष्य एक ही है।
अपने भविष्य की धारा को मैं स्वयं मोदुंगी
कोई करे न करे, मैं करुँगी
दुःख के बदले सुख का सौदा मैं करुँगी।
दुःख के बदले सुख का सौदा मैं करुँगी।
क्यूँ सदा इस आस में की वो बढे तो हम बढ़ेंगे
इस जीवन को काट रहे हैं की वो रुके तो हम रुकेंगे
क्या सदा हम भीड़ में ही चलने के इच्छुक रहेंगे
एकला चलो रे की पंक्ति कब और किस्से कहेंगे।
अपने जीवन के फैसले मैं खुद करुँगी
दूसरों की आलोचना से मैं न डरूंगी।
तारे अनेक होते हैं आसमान में, पर चाँद एक ही है
जंगलों में सब जीवों का राजा भी एक ही है
है येही नियम की जो करले कुछ पृथक
वह भीड़ से पृथक होकर खड़ा मनुष्य एक ही है।
अपने भविष्य की धारा को मैं स्वयं मोदुंगी
कोई करे न करे, मैं करुँगी
दुःख के बदले सुख का सौदा मैं करुँगी।